HARUN YAHYA
Hindi / हिन्दी
HI
क़ुरान
अन-नाज़िआ़त
1. गवाह है वे (हवाएँ) जो ज़ोर से उखाड़ फैंके,
2. और गवाह है वे (हवाएँ) जो नर्मी के साथ चलें,
3. और गवाह है वे जो वायुमंडल में तैरें,
4. फिर एक-दूसरे से अग्रसर हों,
5. और मामले की तदबीर करें
6. जिस दिन हिला डालेगी हिला डालनेवाले घटना,
7. उसके पीछ घटित होगी दूसरी (घटना)
8. कितने ही दिल उस दिन काँप रहे होंगे,
9. उनकी निगाहें झुकी होंगी
10. वे कहते है, "क्या वास्तव में हम पहली हालत में फिर लौटाए जाएँगे?
11. क्या जब हम खोखली गलित हड्डियाँ हो चुके होंगे?"
12. वे कहते है, "तब तो लौटना बड़े ही घाटे का होगा।"
13. वह तो बस एक ही झिड़की होगी,
14. फिर क्या देखेंगे कि वे एक समतल मैदान में उपस्थित है
15. क्या तुम्हें मूसा की ख़बर पहुँची है?
16. जबकि उसके रब ने पवित्र घाटी `तुवा` में उसे पुकारा था
17. कि "फ़िरऔन के पास जाओ, उसने बहुत सिर उठा रखा है
18. "और कहो, क्या तू यह चाहता है कि स्वयं को पाक-साफ़ कर ले,
19. "और मैं तेरे रब की ओर तेरा मार्गदर्शन करूँ कि तु (उससे) डरे?"
20. फिर उसने (मूसा ने) उसको बड़ी निशानी दिखाई,
21. किन्तु उसने झुठला दिया और कहा न माना,
22. फिर सक्रियता दिखाते हुए पलटा,
23. फिर (लोगों को) एकत्र किया और पुकारकर कहा,
24. "मैं तुम्हारा उच्चकोटि का स्वामी हूँ!"
25. अन्ततः अल्लाह ने उसे आख़िरत और दुनिया की शिक्षाप्रद यातना में पकड़ लिया
26. निस्संदेह इसमें उस व्यक्ति के लिए बड़ी शिक्षा है जो डरे!
27. क्या तुम्हें पैदा करना अधिक कठिन कार्य है या आकाश को? अल्लाह ने उसे बनाया,
28. उसकी ऊँचाई को ख़ूब ऊँचा करके उसे ठीक-ठाक किया;
29. और उसकी रात को अन्धकारमय बनाया और उसका दिवस-प्रकाश प्रकट किया
30. और धरती को देखो! इसके पश्चात उसे फैलाया;
31. उसमें से उसका पानी और उसका चारा निकाला
32. और पहाड़ो को देखो! उन्हें उस (धरती) में जमा दिया,
33. तुम्हारे लिए और तुम्हारे मवेशियों के लिए जीवन-सामग्री के रूप में
34. फिर जब वह महाविपदा आएगी,
35. उस दिन मनुष्य जो कुछ भी उसने प्रयास किया होगा उसे याद करेगा
36. और भड़कती आग (जहन्नम) देखने वालों के लिए खोल दी जाएगी
37. तो जिस किसी ने सरकशी की
38. और सांसारिक जीवन को प्राथमिकता दो होगी,
39. तो निस्संदेह भड़कती आग ही उसका ठिकाना है
40. और रहा वह व्यक्ति जिसने अपने रब के सामने खड़े होने का भय रखा और अपने जी को बुरी इच्छा से रोका,
41. तो जन्नत ही उसका ठिकाना है
42. वे तुमसे उस घड़ी के विषय में पूछते है कि वह कब आकर ठहरेगी?
43. उसके बयान करने से तुम्हारा क्या सम्बन्ध?
44. उसकी अन्तिम पहुँच तो तेरे से ही सम्बन्ध रखती है
45. तुम तो बस उस व्यक्ति को सावधान करनेवाले हो जो उससे डरे
46. जिस दिन वे उसे देखेंगे तो (ऐसा लगेगा) मानो वे (दुनिया में) बस एक शाम या उसकी सुबह ही ठहरे है
शेयर करना
1. अल फातेहा
2. अल बकराह
3. आले इमरान
4. अन-निसा
5. अल-माइदा
6. अल-अनाम
7. अल-आराफ़
8. अल-अन्फाल
9. अत-तौबा
10. युनुस
11. हूद
12. युसूफ
13. अर र’आद
14. इब्राहीम
15. अल हिज्र
16. अन नहल
17. अल इस्रा
18. अल कहफ़
19. मरियम
20. अत-तहा
21. अल-अम्बिया
22. अल-हज
23. अल-मुमिनून
24. अन-नूर
25. अल-फुरकान
26. अस-शुआरा
27. अन-नम्ल
28. अल-क़सस
29. अल-अनकबूत
30. अर-रूम
31. लुकमान
32. अस-सजदा
33. अल-अह्जाब
34. सबा
35. फातिर
36. यासीन
37. अस-सफ्फात
38. स’आद
39. अज-ज़ुमर
40. अल-गाफिर
41. फुसिलत
42. अश-शूरा
43. अज-जुखरूफ
44. अद-दुखान
45. अल-जाथीया
46. सूरह अल-अह्काफ़
47. मुहम्मद
48. अल-फतह
49. अल-हुजरात
50. काफ
51. अज़-ज़ारियात
52. अत-तूर
53. अन-नज्म
54. अल-कमर
55. अर-रहमान
56. अल-वाकिया
57. अल-हदीद
58. अल-मुजादिला
59. अल-हष्र
60. अल-मुमताहिना
61. अस-सफ्फ
62. अल-जुमाअ
63. अल-मुनाफिकुन
64. अत-तग़ाबुन
65. अत-तलाक
66. अत-तहरिम
67. अल-मुल्क
68. अल-कलाम
69. अल-हाक्का
70. अल-मारिज
71. नूह
72. अल-जिन्न
73. अल-मुज़म्मिल
74. अल्-मुद्दस्सिर
75. अल-कियामा
76. अल-इन्सान
77. अल-मुर्सलत
78. अल-नबा
79. अन-नाज़िआ़त
80. सूरह अबसा
81. अत-तक्वीर
82. अल-इन्फिकार
83. अल-मुताफ्फिन
84. अल-इन्शिकाक
85. अल-बुरूज
86. अत-तारिक
87. अल-अला
88. अल-घाशिया
89. अल-फज्र
90. अल-बलद
91. अस-शम्स
92. अल-लैल
93. अद-दुहा
94. अल-इन्शिराह
95. अत-तिन
96. अल-अलक
97. अल-कद्र
98. अल-बय्यिना
99. अज़-ज़ल्ज़ला
100. अल-आदियात
101. अल-क़ारिअह
102. अत-तकासुर
103. अल-अस्र
104. अल-हुमज़ह
105. अल-फ़ील
106. क़ुरइश
107. अल-माऊन
108. अल-कौसर
109. अल-काफिरून
110. अन-नस्र
111. अल-मसद
112. अल-इख़लास
113. अल-फलक़
114. अन-नास